राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने अस्पतालों के प्रदर्शन को ग्रेड देने के लिए एक नई प्रणाली शुरू की।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अस्पतालों के प्रदर्शन को ग्रेड देने के लिए एक नई प्रणाली शुरू की

Dr. Anand Singh Gusain 
Updated: Jan 10, 2023, 07:43 PM IST

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के अंतर्गत अस्पतालों के कार्य प्रदर्शन को मापने और  ग्रेड देने के लिए एक नई प्रणाली की शुरुआत की है। इस नई प्रणाली का उद्देश्य अस्पतालों के प्रदर्शन को मापने के लिए प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्‍ता पर ध्यान केंद्रित करना है। प्रदान किए गए उपचार की गुणवत्ता के अनुसार प्रदाताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पुरस्‍कार देने की व्‍यवस्‍था से नई प्रणाली लम्‍बे समय तक लोगों में बीमारी के प्रभाव को कम करने में कारगर साबित होगी।



‘Value- based care’ की अवधारणा सामने आएगी

इस पहल के जरिए अस्पतालों द्वारा प्रदान जाने वाली सेवाओं की जगह स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी सेवाओं के मूल्य के आधार अस्पतालों को आकलित किया जाएगा। अकसर देखने में आता है कि  भुगतान करने वाले के दृष्टिकोण से स्वास्थ्य सेवा मॉडल को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की मात्रा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें प्रदान की गई सेवाओं की संख्या के आधार पर केस-आधारित एकमुश्त भुगतान किया जाता है। यह नई प्रणाली ‘value- based care की अवधारणा को सामने लाएगी, जहां भुगतान परिणाम के आधार पर तय किया जाएगा ।

उपचार की गुणवत्ता पर ध्यान

इस कदम से उपचार की गुणवत्ता को सुनिश्चित  करने का प्रयास किया जाएगा इसके अलावा यह कदम समग्र स्वास्थ्य लाभ में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी के संकल्प को भी व्यक्त करेगा। इस पहल से रोगियों से लेकर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, भुगतानकर्ताओं व आपूर्तिकर्ताओं तक, यानी सभी संबंधित हितधारकों को इससे लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है। रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य परिणाम और उन्हें मिलने वाली सेवाओं से संतुष्टि मिलेगी और प्रदाता बेहतर देखभाल क्षमताओं को प्राप्त कर सकेंगे।

पांच प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर आकलित

1. लाभार्थी संतुष्टि
2. अस्पताल में भर्ती होने की दर,
3. आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय की सीमा
4. पुष्ट की गई शिकायतें
5. भर्ती रोगी के स्वास्थ्य से संबंधित जीवन की गुणवत्ता में सुधार

क्या है आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जेएवाई योजना (AB PM-JAY)?

AB PM-JAY गरीबों और वंचित लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने वाली एक महत्वाकांक्षी योजना है। योजना ने प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये के नकदी रहित और कागजरहित स्वास्थ्य सेवा लाभों के साथ सभी पात्र लाभार्थियों को सशक्त बनाया है। भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अब तक 4.21 करोड़ मरीजों ने अस्पतालों भर्ती होकर इलाज कराया है जिस पर 49,468 करोड़ रुपये का खर्च आया है।


राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की भूमिका

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जेएवाई योजना को लागू करना है। यह एक शासी निकाय है जिसकी अध्यक्षता भारत सरकार के केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री करते है।

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में विभिन्न मोर्चों पर सुधार

भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में विभिन्न मोर्चों पर सुधार जारी है। इनमें सस्ते उपचार व दवाइयां देना, ग्रामीण स्तर पर आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं, मानव संसाधन का विकास, निवारक स्वास्थ्य देखभाल का प्रचार और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच बढ़ाने के लिए तकनीक का उपयोग शामिल है। बेहतर प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए, 1,50,000 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें से लगभग 79,000 केंद्रों ने पहले ही काम करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम शुरू हो गया है कि हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज हो, सरकार पहले ही 157 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दे चुकी है।

स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पहुंच सुनिश्चित

इसके अलावा केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवा में 'अंत्योदय' की सोच को कार्यान्वित करके स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं और सस्ती दवाओं तक पहुंच सुनिश्चित कर रही है। आज प्रधानमंत्री- जेएवाई योजना (AB PM-JAY) के जरिए लगभग 10.74 करोड़ गरीब व कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) को कवर किया जा रहा है। आज आयुष्मान कार्डों की संख्या 17.6 करोड़ है और 28,800 से अधिक सरकारी व निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। आज प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के अंतर्गत पूरे भारत में लगभग 8,800 जन औषधि फार्मेसी दुकानों में 1,800 से अधिक सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाईयां उपलब्ध हो रही है।

चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा 

देश में पिछले आठ वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 67 प्रतिशत और MBBS की सीटों की संख्‍या में 87 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 से पहले, देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 648 हो गए हैं। इसके अलावा, MBBS सीटों में 2014 से पहले 51,348 से 87% की वृद्धि हुई है और अब तक 96,077 हो गई है और PG सीटों में 2014 से पहले 31,185 से 105% की वृद्धि हुई है जो अब 64,059 हो गई है। केंद्रीय क्षेत्र की योजना के तहत नए AIMS की स्थापना के लिए 22 AIMS को मंजूरी दी गई है।

विकास और स्वास्थ्य  

किसी भी देश को समृद्धि हासिल करने से पहले उसे स्वस्थ बनना जरूरी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि "केवल एक स्वस्थ राष्ट्र ही एक उत्पादक राष्ट्र हो सकता है- स्वस्थ देश, समृद्ध देश। केंद्र सरकार की योजनाओं के चलते देश में पहली बार स्वास्थ्य को विकास से जोड़कर देखा जा रहा है। आज देश में 1.35 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुल चुके हैं जिससे लोगों को रोजगार मिल रहा है। इसके अलावा जहां एक ओर भारत आज एशिया में मेडिकल उपकरणों का चौथा बड़ा बाजार बना है तो वहीं दूसरी ओर फार्मास्यूटिकल सेक्टर और वैक्सीन उत्पादन में भी भारत की अहम हिस्सेदारी है। यह केंद्र सरकार की दूरदर्शिता ही है कि भारत कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल कर रहा है।

स्रोत: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

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